27 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने Vodafone Idea के AGR (Adjusted Gross Revenue) मामले में केंद्र सरकार को बकाए की दोबारा समीक्षा करने की अनुमति दी. कोर्ट ने यह भी कहा कि राहत देना या न देना सरकार की नीति का मामला है और कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा.
सरकार के पास फिलहाल वोडाफोन आइडिया में करीब 49% हिस्सेदारी है और 20 करोड़ से अधिक ग्राहकों की सेवा जारी रखने की जिम्मेदारी है. कंपनी का दावा था कि AGR बकाया की गणना में डुप्लीकेट एंट्री और पुरानी अवधि की राशि जोड़ दी गई, जिससे मांग बढ़ गई थी. कोर्ट ने मामले को सरकार के नीति क्षेत्र में डालने का आदेश दिया है, और लिखित आदेश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी.
Vodafone Idea का AGR बकाया
Vodafone Idea पर विभाग की ओर से करीब ₹83,400 करोड़ का AGR बकाया दर्ज है, जिसे 2026 से हर वर्ष लगभग ₹18,000 करोड़ की किस्तों में चुकाना है. ब्याज और जुर्माने सहित कुल देनदारी करीब ₹2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है. कंपनी ने DoT की नई मांग, जिसमें 9,450 करोड़ रुपये शामिल हैं, को चुनौती दी है और ब्याज व पेनल्टी में छूट मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने DoT को इन मांगों की दोबारा जांच करने का अधिकार दिया है. इस फैसले से कंपनी को बड़ी राहत मिल सकती है.
सरकारी प्रक्रिया और आगे क्या होगा
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने स्पष्ट किया है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के लिखित आदेश का इंतजार कर रही है. आदेश मिलने के बाद ही असर और नीति निर्धारण पर फैसला होगा. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, कंपनी की राहत की सीमा आदेश के शब्दों और आशय पर निर्भर करेगी. Vodafone Idea को बताना होगा कि उसे किस तरह की राहत चाहिए, और उसके बाद विभाग आंतरिक विचार-विमर्श के आधार पर फैसला करेगा.
मार्केट और निवेशक प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बाजार विशेषज्ञों ने कंपनी के लिए सकारात्मक माना है. इससे वोडा आइडिया और इंडस टावर्स दोनों को राहत मिल सकती है, साथ ही बैंक फंडिंग के करीब ₹25,000 करोड़ के रास्ते खुल सकते हैं. एनालिस्ट्स के मुताबिक, यदि कंपनी सफलतापूर्वक इक्विटी जुटा पाई, तो सरकार की हिस्सेदारी 49% से घट सकती है और कर्ज का कुछ हिस्सा शेयरों में बदलकर दबाव कम किया जा सकता है. इंडस टावर्स के डिविडेंड की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है.
कंपनी का आधिकारिक बयान
Vodafone Idea ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया है कि कंपनी DoT के साथ मिलकर मुद्दे को जल्द सुलझाने की और 20 करोड़ सब्सक्राइबर्स के हित सुरक्षित रखने की दिशा में काम करेगी. कंपनी ने फैसले को डिजिटल इंडिया विजन के लिए नई ऊर्जा देने वाला कदम बताया है.
आर्थिक योजनाएँ और भविष्य की रणनीति
AGR राहत मिलने की संभावना से कंपनी भविष्य की इक्विटी रेज, बैंक फंडिंग और नेटवर्क विस्तार के लिए योजना बना सकती है. मार्च 2026 से पहले, कारोबारी निवेश और कैपेक्स के लिए नई फंडिंग मिलने की उम्मीद है. वित्तीय दबाव कम होने पर Vodafone Idea की बाजार में स्थिरता और प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है




