सरकारी डिफेंस कंपनी Hindustan Aeronautics Limited (HAL) के सितंबर तिमाही नतीजों के बाद 13 नवंबर को शेयरों में गिरावट देखी गई। कंपनी के नतीजे कई प्रमुख वित्तीय मानकों पर बाजार की उम्मीदों से कमजोर रहे। HAL Q2 results घोषित होने के बाद निवेशकों में हलचल देखी गई और शेयर इंट्राडे हाई से करीब 4.5% तक फिसल गए।
HAL Q2 Results
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में HAL का EBITDA मार्जिन 24.8% रहा, जो कंपनी के पूरे साल के 31% गाइडेंस से कम है। वहीं सितंबर तिमाही में यह मार्जिन घटकर 23.5% पर आ गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 27.4% था। यह आंकड़ा CNBC-TV18 के पोल अनुमान 28.2% से भी नीचे रहा। इस गिरावट से संकेत मिलता है कि कंपनी के ऑपरेशनल कॉस्ट में बढ़ोतरी हुई है और प्रॉफिटेबिलिटी पर दबाव बना हुआ है।
मुनाफे में मामूली बढ़त
HAL Q2 results के अनुसार, कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 10.5% बढ़कर ₹1,669 करोड़ रहा। हालांकि यह बाजार के अनुमान ₹1,702 करोड़ से थोड़ा कम है। कंपनी का रेवेन्यू 11% बढ़कर ₹6,629 करोड़ पहुंचा, जो अनुमानित ₹6,582 करोड़ के करीब है। इसका मतलब है कि बिक्री में सुधार हुआ है, लेकिन बढ़ती लागत ने मुनाफे की रफ्तार को सीमित किया है।
EBITDA में गिरावट
सितंबर तिमाही में HAL का EBITDA 5% गिरकर ₹1,558 करोड़ रह गया, जबकि पिछले साल यह ₹1,640 करोड़ था। CNBC-TV18 के पोल में इस तिमाही के लिए ₹1,854 करोड़ का अनुमान लगाया गया था। इसका सीधा संकेत है कि कंपनी की ऑपरेशनल एफिशिएंसी पर असर पड़ा है।
HAL Share Price
तिमाही नतीजों के बाद HAL के शेयरों में बिकवाली का माहौल रहा। शेयर इंट्राडे हाई से 4.45% तक गिरकर ₹4,757 पर बंद हुए। हालांकि, एक साल की अवधि में यह शेयर अभी भी लगभग 12% ऊपर है और इस साल अब तक 14% का रिटर्न दे चुका है। कंपनी का मार्केट कैप ₹3.18 लाख करोड़ है, जो इसे देश की सबसे बड़ी सरकारी डिफेंस कंपनियों में शामिल करता है।
HAL Business Modal
Hindustan Aeronautics Limited (HAL) भारत सरकार की प्रमुख एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी है। कंपनी भारतीय वायुसेना, नौसेना और थलसेना के लिए लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, इंजन, और ड्रोन का निर्माण करती है। HAL ने देश की रक्षा आत्मनिर्भरता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कंपनी के प्रमुख प्रोजेक्ट्स में तेजस फाइटर जेट, ध्रुव हेलिकॉप्टर, और रुद्र अटैक हेलिकॉप्टर शामिल हैं। इसके अलावा, HAL सिविल एविएशन सेक्टर में भी काम कर रही है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के कई मिशनों के लिए तकनीकी सपोर्ट और पार्ट्स सप्लाई करती है।
निष्कर्ष
HAL Q2 results से यह स्पष्ट है कि कंपनी का राजस्व और मुनाफा बढ़ा है, लेकिन मार्जिन और EBITDA में गिरावट ने निवेशकों को थोड़ा निराश किया है। बढ़ती लागत और मार्जिन प्रेशर के बावजूद HAL का बिजनेस मॉडल मजबूत है और इसकी दीर्घकालिक संभावनाएं सकारात्मक हैं। डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में सरकार के बढ़ते निवेश से कंपनी को आने वाले समय में फायदा मिल सकता है।




